क्या ब्रिटेन के ये विशेष चुनाव प्रधानमंत्री सुनक के लिए मुसीबत बन सकते हैं?
इंग्लैंड में दो जिलों के मतदाता आज ब्रिटेन के विशेष चुनावों में अपनी बात रख रहे हैं ताकि हाल ही में अपनी सीटें खाली करने वाले राजनेताओं के स्थान पर नए सांसदों का चुनाव किया जा सके। किंग्सवुड और वेलिंगबोरो में होने वाले वोटों पर सभी पक्षों की कड़ी नजर है, क्योंकि नतीजे सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी और प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की पहले से ही अस्थिर स्थिति को गंभीर रूप से कमजोर कर सकते हैं।
टोरीज़ ने 2019 के आम चुनाव में दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में भारी बहुमत से जीत हासिल की। हालाँकि, अर्थव्यवस्था की स्थिति पर बढ़ती अशांति, लगातार पार्टी की अंदरूनी कलह और बदलाव के अधूरे वादों ने देश भर में कंजर्वेटिवों के लिए समर्थन कम कर दिया है। ब्रिटेन के विशेष चुनावों में उनका ख़राब प्रदर्शन उन जनमत सर्वेक्षणों की पुष्टि करेगा जो विपक्षी लेबर पार्टी को दो अंकों की बढ़त देते हैं।
तो दांव पर क्या है?
यदि कंजर्वेटिव कोई भी सीट हार जाते हैं, तो यह सनक के लिए एक और झटका होगा - जिन्होंने सिर्फ छह सप्ताह पहले लिज़ ट्रस की जगह ली थी। उनके नए प्रशासन को ब्रिटेन के पिछले चार विशेष चुनावों में पहले ही हार का सामना करना पड़ा है। कई टिप्पणीकारों का मानना है कि आज और नुकसान से असंतुष्ट टोरी सांसदों की ओर से प्रधानमंत्री के खिलाफ साजिश फिर से शुरू हो सकती है। इस बीच, लेबर के मजबूत प्रदर्शन से अगले आम चुनाव के लिए उनका मनोबल और गति बढ़ेगी।
देश के मंदी में प्रवेश करने की भविष्यवाणी के साथ, चिंताएं बढ़ रही हैं कि सत्ता में कंजर्वेटिव के लंबे कार्यकाल ने उन्हें थका दिया है और विचारों से बाहर कर दिया है। यूके के इन विशेष चुनावों के नतीजे इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि क्या मतदाता किसी विकल्प की ओर जाने के लिए तैयार हैं, या क्या सुनक जहाज को स्थिर कर सकते हैं। ब्रिटेन की भविष्य की दिशा आज किंग्सवुड और वेलिंगबोरो में सुनाए जाने वाले फैसलों पर निर्भर हो सकती है।