कोर्ट ने बिडेन की शरण नीति पर रोक लगाई: प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका
एक ऐतिहासिक फैसले में, एक संघीय न्यायाधीश ने राष्ट्रपति जो बिडेन की विवादास्पद शरण नीति को रोक दिया है। यह फैसला प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका है, जो सीमा पार से घुसपैठ को कम करने के लिए इस नीति का लाभ उठा रहा था।
न्यायाधीश ने संभावित अपील की अनुमति देते हुए फैसले को 14 दिनों के लिए रोक दिया है। यह विकास बिडेन की शरण नीति निर्णय में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है।
बिडेन की शरण नीति के फैसले का लहर प्रभाव
इस फैसले के निहितार्थ गहरे हो सकते हैं, खासकर अमेरिका-मेक्सिको सीमा के लिए। शरण नीति के कारण सीमा पार करने में उल्लेखनीय कमी आई है।
हालाँकि, न्याय विभाग ने अदालत के फैसले से असहमति व्यक्त की है और अपील करने की योजना बनाई है। यह दर्शाता है कि बिडेन की शरण नीति शासन की कहानी अभी खत्म नहीं हुई है।
न्यायाधीश जॉन टाइगर, जिन्होंने पहले ट्रम्प प्रशासन के दौरान इसी तरह की नीति के खिलाफ फैसला सुनाया था। बिडेन की नीति और ट्रम्प युग की नीति के बीच अंतर पर सवाल उठाया है।
हालाँकि, बिडेन प्रशासन ने ऐसी किसी भी तुलना को खारिज कर दिया है। बिडेन की शरण नीति शासन की कथा में एक विवादास्पद बिंदु को चिह्नित करना।
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बिडेन की नीति की राह में कानूनी बाधाएँ
यूएस-मेक्सिको सीमा के प्रबंधन के लिए बिडेन की योजनाओं को रिपब्लिकन राज्यों और अधिवक्ताओं से कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
ये मुकदमे उनकी सीमा योजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं और बिडेन की शरण नीति शासन में जटिलता की एक और परत जोड़ते हैं।
शरण नियम, जो बड़े पैमाने पर दूसरे देश से गुजरने वाले प्रवासियों को संयुक्त राज्य अमेरिका में शरण मांगने से रोकता है, विवाद का एक मुद्दा रहा है।
अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन और अन्य अप्रवासी अधिकार समूहों ने इस नियम के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, जो दशकों पुराने प्रोटोकॉल से हटकर है।
ACLU ने अदालत के फैसले की सराहना की है, जिसमें कहा गया है कि बिडेन प्रशासन को स्वतंत्रता और आशा की किरण के रूप में अमेरिका के वादे को पूरा करने के लिए बेहतर प्रयास करना चाहिए।
इस वादे को धोखा देने वाली नीतियों को कायम रखने के बजाय। यह भावना बिडेन की शरण नीति के फैसले को लेकर तनाव को रेखांकित करती है।
संघीय संसाधनों पर दबाव
बिडेन प्रशासन पश्चिमी गोलार्ध में लोगों की बड़े पैमाने पर आवाजाही से जूझ रहा है। यह क्षेत्र में कोरोनोवायरस महामारी की बिगड़ती स्थितियों का परिणाम है।
इससे संघीय संसाधनों पर दबाव पड़ा है, क्योंकि सीमा अधिकारियों को विभिन्न राष्ट्रीयताओं के प्रवासियों की बढ़ती संख्या का सामना करना पड़ रहा है।
न्यायाधीश टाइगर ने निष्कर्ष निकाला कि शरण नियम ने प्रशासनिक प्रक्रिया अधिनियम का उल्लंघन किया है, जो दिशानिर्देश निर्धारित करता है कि एजेंसियां कैसे नीतियों को लागू कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि नियम मनमाना और मनमाना है, जिससे इसकी सीमा उचित हो जाती है। यह फैसला बिडेन की शरण नीति शासन की कहानी में एक अंतिम मोड़ जोड़ता है।